कॉर्नवालिस कोड 1793 में वाइसराय लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा पारित किया गया था। यह ब्रिटिश भारत में पुलिस विभाग, न्यायपालिका और नागरिक प्रशासन को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था।
यह कोड निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर आधारित था:
- शक्तियों का पृथक्करण: यह कोड कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के बीच शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत पर आधारित था।
- न्यायिक सुधार: इस कोड ने न्यायिक व्यवस्था में सुधार लाए। इसने जिला अदालतों और अपीलीय अदालतों की स्थापना की।
- पुलिस सुधार: इस कोड ने पुलिस विभाग की स्थापना की।
- राजस्व सुधार: इस कोड ने स्थायी बंदोबस्त की शुरुआत की, जिसके तहत जमींदारों को जमीन पर स्थायी अधिकार दिया गया था।
कॉर्नवालिस कोड ब्रिटिश भारत में प्रशासन का एक महत्वपूर्ण आधार बन गया। यह 19वीं शताब्दी के दौरान कई सुधारों का आधार बना।