मुगलकालीन भारत में मलिकाना एक कर भाग किससे सम्बन्धित था?
मुगलकालीन भारत में मलिकाना एक कर भाग जमीन की पैदावार से सम्बन्धित था। यह कर किसानों द्वारा उनकी जमीन पर उगाई गई फसलों की पैदावार का एक हिस्सा था जो मुगल सरकार को दिया जाता था। यह कर आमतौर पर 1/3 से 1/2 तक होता था, और यह फसल की किस्म और क्षेत्र के आधार पर भिन्न होता था।
मलिकाना कर के अलावा, मुगल सरकार किसानों पर अन्य कर भी लगाती थी, जैसे कि खिराज (जमीन कर) और जज़िया (गैर-मुस्लिमों पर लगाया गया कर)। इन करों का उपयोग मुगल साम्राज्य के प्रशासन, सेना और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाता था।
मलिकाना कर का मुगलकालीन अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान था। यह सरकार के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत था, और इसने मुगल साम्राज्य के विस्तार और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यहाँ कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं जो आपको मलिकाना कर के बारे में जाननी चाहिए:
- मलिकाना कर को आमतौर पर नकद में भुगतान किया जाता था, लेकिन कुछ मामलों में इसे फसल के रूप में भी भुगतान किया जा सकता था।
- मलिकाना कर की दर समय-समय पर और क्षेत्र-क्षेत्र में भिन्न होती थी।
- मलिकाना कर की वसूली अक्सर मुगल अधिकारियों द्वारा की जाती थी, जो कभी-कभी किसानों का शोषण करते थे।
- मलिकाना कर किसानों पर एक बोझ था, लेकिन यह मुगल साम्राज्य के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत था।